By Deepak Goyal, Incense Media
सादगी भी बड़ी अजीब चीज है !
सफल इन्सान की सादगी, मार्गदर्शक बन जाती है और असफल आदमी की, उसे बेवकूफ कहलवाती है ।
कलाम साहब हों, पर्रीकर जी या बिज़नेस की दुनियां से अजीम प्रेमजी जैसे लोग, जिनका जीवन सादगी की मिसाल रहा है.. सबके लिए प्रेरक हैं ।
गोआ के मुख्यमंत्री अपने स्कूटर से ही अपने मंत्रालय चले जाया करते थे । अजीम प्रेमजी जो कि खरबों की संपत्ति दान कर चुके हैं, के बारे में पढ़ा था कि वह फोर्ड की साधारण कार का प्रयोग करते थे और उन्होंने जब अपनी कार बदली तो अपने ही किसी स्टाफ की पुरानी मर्सिडीज खरीद ली ।
इसके विपरीत, असफल या सफलता के लिए प्रयासरत आदमी की सादगी के कोई मायने नहीं हैं, बल्कि उस इन्सान की सादगी दूसरों की नज़र में उसकी असफलता के लिए जिम्मेदार मानी जाती है ।
लोग असफल को यही समझायेंगे कि तुम में कपडे पहनने का ढंग नहीं है, जितना बड़ा दिखोगे, उतना ही आगे बढोगे, एक्टिवा पर चलकर क्लाइंट से मिलने जाओगे तो सफलता नहीं मिलेगी । आज के समय के हिसाब से गलत भी नहीं है लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है कि दिखावे, महंगे गैजेट्स, शोबाजी से ही सफलता हासिल की जा सकती है ।
मुझे लगता है कि सफलता का दिखावे से कोई सरोकार नहीं है । हमें अंतर समझना होगा दिखावे और presentable होने में, और presentable होने के लिए आपको महंगे गैजेट नहीं चाहिए, महंगी लाइफ स्टाइल नहीं चाहिए ।
किसी का उदाहरण नहीं देना चाहता क्योंकि विषय विवादस्पद है । हर इन्सान को लगता है कि उसने सफलता हासिल करने के लिए जो किया है, या जिस वजह से वो सफल है, सफलता सिर्फ उसी तरीके से हासिल हो सकती है | लेकिन दिखावा सफलता की गारंटी नहीं है यह समझने के लिए देश की एक महंगी एयरलाइन्स जो अभी बंद पड़ी है, एक अच्छा उदाहरण है ।
जो हो, वही दिखाओ, ऐसा करने से भी आप इतिहास बना सकते हो ।