इकबाल साजिद का एक शेर है,
वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा,
किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा ।
कभी कभी सामने वाले को, उनके कद और किरदार को पहचान पाना बड़ा मुश्किल होता है ।
2017 में हमारे अहमदाबाद सोप एक्सपो में एक कंपनी ने exhibit किया था । मेरा कांटेक्ट कंपनी के किसी भी सदस्य से नही हुआ था क्योंकि हमारी टीम के एक अन्य सदस्य ने उनकी बुकिंग की थी । B2B बिज़नेस होने से ज्यादा नाम भी नही सुना था । जब कार्यक्रम के दौरान मुलाकात हुई, तब भी उनकी सरलता से उनके बारे में कुछ पता नही चला । छोटा ही स्पेस लिया था, पता ही नहीं था कि क्या बेस है उनका ।
लेकिन जब उनसे मेहसाना में उनके स्कूल में मुलाकात हुई तब पता चला, एक बिल्कुल ही साधारण सा दिख रहा वो सख्श हजारों करोड़ का मालिक है । अकेले गुजरात में केमिकल के 5-6 प्लांट हैं । कंपनी के फाउंडर IIT मुम्बई के एलुमिनी हैं और अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका समेत पूरी दुनियां में एक्सपोर्ट करते हैं। मुलाकात में भी इतने सरल, कि भरोसा ही नही होता ।
कभी कभी बिल्कुल उलट भी हो जाता है । और हम सिर्फ लोगों की घड़ियों की, जूतों की कीमत से ऊपर ही नही आ पाते ।
लेकिन सादगी की बात ही कुछ और है क्योंकि किरदार खुद उभर के कहानी में आएगा ।
इस पर आधारित एक महत्वपुर्ण बात में यहाँ शेयर करना चाहूँगा..
Exhibitions ही शायद एकमात्र ऐसा प्लेटफार्म है, जहां आप ऐसे लोगों से आसानी से मिल सकते हो, जिनसे मिलने के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लेना भी बहुत मुश्किल काम होता है । भारी भरकम प्रोफाइल वाले लोग, सीधे एप्रोच किये जा सकते हैं ।
मैंने ऐसे कई बिज़नेस ओनर देखे हैं जो वास्तव में बहुत ही व्यस्त हैं, किसी भी आमदिन में उनसे मिल पाना बड़ा मुश्किल है, लेकिन एक्सपो के दौरान पानी, चाय, कॉफ़ी, कूकीज लेके खुद खड़े होते हैं, खुद ही आफर करते हैं, हर आदमी को entertain करते हैं ।
कुल मिलकर, exhibitions में आना, exhibit करना, हर हाल में फायदेमंद सौदा है |
By-Deepak Goyal, Editor – Incense Media