#मास्क और #सेनेटाइजर जैसे प्रोडक्ट्स में अवसर तलाश रहे लोगों के लिए..
किसी भी अवसर को बिना समझे, उसमें कूद पड़ना, समझदारी नहीं कही जा सकती ।
मैं अगरबत्ती उद्योग का उदाहरण दूं तो हर महीने बहुत से ऐसे लोगों से बात होती है जो अपनी मशीनें या अपना तैयार पड़ा माल बेचने के लिए रास्ते तलाश रहे होते हैं । पूछने पर पता चलता है कि किसी कंपनी की, या अपने किसी मित्र, परिचित या रिश्तेदार की सफलता को देखकर उन्होंने भी काम शुरू कर दिया था । 4-6 महीने चलाया, नुकसान होने लगा तो सब कुछ छोड़कर निकलना चाह रहे हैं । लेकिन तब तक वो बड़ा घाटा उठा चुके होते हैं ।
बहुत बिकती है.. रोजाना जलने वाला प्रोडक्ट है.. भारत जैसे देश में लोग आस्थावश बहुत जलाते हैं.. जैसे कुछ तथ्य उन्होंने इकट्ठे किये थे, और वो सारे तथ्य सही भी होते हैं, फिर भी बहुतायत में लोग fail होते हैं ।
आप अवसर देख रहे हैं लेकिन अवसर के पीछे की चुनौतियों को नहीं, कि इतने कंपीटिटिव माहौल में, इतनी कंपनियों के बीच, जो वर्षों से काम कर रहीं है, आप कैसे टिकेंगे । फिर भी आप में बेहतरीन प्रोडक्ट, कम कीमत पर देने की क्षमता है तो भी आपमें कई महीनों या वर्षों तक धैर्य रखने की क्षमता भी होनी चाहिए, तब जाकर आप अपने लिए कोई स्थान बना पाएंगे । लेकिन आपने तो सिर्फ बड़ा वॉल्यूम और बड़ा मुनाफा देखा था, जिसके चलते आप इस उद्योग में आये थे ।
#कोरोना काल में ऐसा ही, #सैनिटाइजर, डिटर्जेंट, मास्क, #PPE किट जैसे बहुत सारे प्रोडक्ट्स के साथ हो रहा है । लोगों को इसमें अपार अवसर नजर आ रहा है । अवसर है भी, लेकिन इस अवसर के लिए आप कितने फिट हो, वो सोचे बिना लोग इसमें कूद पड़े हैं । आप उस फील्ड में कुछ नया सोच रहे हों, तो भी ठीक है, लेकिन वो भी केस नहीं है ।
मेरे कुछ परिचित हैं जो अपने, मूल बिज़नेस को भूलकर इन कामों में उलझ रहे हैं । उनका कहना है कि वर्तमान काम तो चल नहीं रहा, इधर ही try कर लेते हैं ।
नये अवसर तलाशना बुरा नहीं हैं, लेकिन मौके को बिना समझे नहीं । मेरा निजी तौर पर मानना है कि अभी इस लाइन में कूदे लोगों में से 10% लोग, 6 महीने से ज्यादा इस काम में नहीं रहेंगे । और इस दौरान, अपने existing बिज़नेस में जो कुछ नया सोचने का आपके पास मौका था, वो निकल चुका होगा ।
धीरे चलें, लेकिन दूर का सोचें
By – Deepak Goyal @ Incense Media
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