/You are selling or misselling ?

You are selling or misselling ?

आज हमारे ऑफिस में जयपुर की एक डिजिटल एजेंसी से आईटी सेल्स का प्रतिनिधि मिलने के लिए आया ।

उसका मकसद हमारे बिज़नेस के लिए डिजिटल मार्केटिंग सर्विसेज ऑफर करना था । बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी पिछले 4-5 साल से ये सर्विसेज दे रही है और अकेले जयपुर में उनके कुछ 250 क्लाइंट्स हैं ।

चूँकि, मैं खुद टेक्निकल सेल्स में रहा हुआ हूँ और टेक्निकल चीज़ों को कुछ हद तक समझता भी हूँ, उनकी वेबसाइट और फेसबुक पेज चेक करने से पता लगा की वेबसाइट का डोमेन सिर्फ 8 महीने पुराना है और फेसबुक पेज भी तभी बनाया गया है । कुल मिलाकर, वो अपने बिज़नेस को पुराना और establish दिखाने के चक्कर में गलत बोल गए, जो मुझे पसंद नहीं आया । फिर भी मैंने समझने की कोशिश की, कहीं शुरुआत में साइट नही बनाई हो, बाद में बनवायी हो, लेकिन वहां भी वो सही जबाव नहीं दे पाए । ऐसी एप्रोच से सामने वाले से भविष्य में मिलने वाली deliveries, doubtful लगने लगती हैं । और इस तरह से, उन्होंने बनने से पहले ही अपना कस्टमर खो दिया ।

क्यों ? क्योंकि आज का कस्टमर, सेल्स में झूंठ को कम से कम चाहता है । मेरे लिए जो चीज matter करती है वो ये कि निश्चित टाइम पर, तय क्वालिटी के हिसाब से मेरा काम हो जाये । मेरे जैसे किसी भी कस्टमर को कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं काम किसी नयी कंपनी से करवा रहा हूँ या बहुत पुरानी किसी कंपनी से, काम होना चाहिए । क्योंकि सारे कस्टमर ही अगर सारा काम बड़ी कंपनियों से कराएंगे तो छोटी कंपनियां और स्टार्टउप क्या करेंगे ।

आप निश्चित मान कर चलें, कि अगर आप स्मार्ट हैं तो आपका कस्टमर आप से ज्यादा स्मार्ट है, क्योंकि अन्ततया वही उस प्रोडक्ट या सर्विस को उपयोग करने जा रहा है या हो सकता है पहले से use भी कर रहा हो । अधिकांश लोग आपको ऐसे मिलेंगे जो प्रोडक्ट की आपसे ज्यादा समझ रखते होंगे ।

ऐसे में जो गलतियाँ, सेल्स के अधिकांश लोग कर डालते हैं वो निम्न हैं,

  1. जरूरत से ज्यादा कमिटमेंट – पहले दिन कस्टमर को add करने के लिए आप सारी चीज़ों के लिए हाँ करते जाते हो, यह जानते हुए भी कि डिलीवरी संभव नहीं है | बाद में आप को उलझना ही है, इसलिए उतना ही commit करें जितना deliver करने की क्षमता आप में है ।
  2. अपनी श्रेष्ठता दिखाने के चक्कर में, सबसे पहले अपने कम्पटीशन की बुराइयां – इसका आपके कस्टमर पर बहुत बुरा असर पड़ता है । किसी की बुराई करके या छोटा दिखाकर नहीं, आप अपनी अच्छाई को हाईलाइट करके अपने कस्टमर को जीत सकते हैं ।
  3. कस्टमर की जरूरत समझे बगैर अपनी pitching शुरू कर देना – पहले कस्टमर की जरूरतों को समझने की कोशिश करें, उनको समझाने की नहीं । आपका सबसे अच्छा ट्रेनर आपका कस्टमर ही है । वो आपको ऐसी चीज़ों से अवगत करा सकता है, जिस बारे में शायद आपने सोचा ही ना हो ।
  4. अपने ब्रांड या कंपनी को बड़ा या अनुभवी दिखाने के चक्कर में कुछ भी बोल देना – दुनिया बहुत छोटी है जनाब, पकडे जाओगे,  बच नहीं पाओगे | इस तकनीक के और तेज़ ज़माने में सिर्फ अपने को इम्प्रूव करने पर ध्यान लगाओ |
  5. रिलेशन – प्रोडक्ट, क्वालिटी या सर्विस काम आती है, लेकिन उससे ऊपर सेल्स में आपका रिलेशन काम आता है | अपने कस्टमर से रिलेशन बनाने की कोशिश करें | रिलेशन बनाने के लिए जो सबसे अहम् element है, वो है किसी भी तरीके से अपने कस्टमर की मदद करना |
  6. रेट ज्यादा या कम चार्ज करना आपका विषय है – लेकिन इसके लिए आपको झूंठ ना बोलना पड़े | हर अच्छी चीज सस्ती नहीं हो सकती, इसलिए अपने प्रोडक्ट के रेट ज्यादा होने से परेशान ना हों |

मैंने कुछ समय के लिए Insurance सेल्स में भी काम किया है और वहां एक शब्द बड़ा प्रचलित है, “हमें सेलू आदमी चाहिए”, और सेलू से उनका उद्देश्य अधिकतर अच्छे कपडे पहनने वाले, स्मार्ट, बेशर्म, अच्छी बकवास करने वाले, फुलटू झूंठ बोल सके ऐसे आदमी से होता था (माफ़ी चाहूँगा ऐसे शब्द यूज़ कर रहा हूँ, लेकिन सच्चाई यही थी ) | ट्रेनर लोग बड़े मजे से एक ही उदाहरण देते थे, “सेल्समेन वही है जो गंजे को कंघा बेच दे” | पहले मैं भी ऐसा ही मानता था लेकिन आज मैं ऐसी ट्रेनिंग और ट्रेनर को अच्छी नज़र से नहीं देखता, कारण कि आप ऐसा करने से, अपना कस्टमर, उनसे मिलने वाला रेफरल और एक अच्छा रिलेशन खो रहे होते हो | Right product to Right person, is the rightest approach for Business and Sales.

दूसरा, अगर आप को अपने कस्टमर को इम्प्रेस करना ही है तो वजाय झूठ बोलने के, आप अपनी निजी या संस्था की पूर्व उपलब्धियों या ताकत के बारे में बताएं । हो सकता है आप नए हों, तो अपने निजी अनुभवों के आधार पर बात करें, भविष्य के अपने आशावादी प्लान्स के बारे में कस्टमर से शेयर करें, लेकिन अंधाधुंध झूठ से बचें ।

समय बदल रहा है और हमें अपने सेल्स करने के तरीकों को भी बदलना पड़ेगा |

मैंने अक्सर देखा है कि सेल्स के लोग, बड़ी लम्बी चौड़ी बातें बनाने में विश्वास करते हैं | करो, लेकिन याद रखो “आटे में नमक ही चलता है भाई, नमक में आटा नहीं”

कोई बात नहीं एक कस्टमर नहीं मिलेगा, ना सही | लेकिन misselling करके आप अपने व्यवसाय की उम्र कम कर रहे होते हो | आपको लगता है, मेरे प्रोडक्ट के लिए उपयुक्त बाज़ार नहीं है, छोटा है तो diversify करें, लेकिन misselling करने की कोशिश ना करें |

Written By – Deepak Goyal ( Incense Media | deepak@incensemedia.in )