/क्या आप बाज़ार की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं ?

क्या आप बाज़ार की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं ?

कहा जाता है कि “सफलता” पर किसी का “एकाधिकार” नहीं है, और अगर कुछ करने की लगन और जज्बा हो तो किस्मत पलटते देर नहीं लगती |

करसन भाई पटेल के नाम से शायद आप सभी परिचित होंगे | उनकी कंपनी निरमा 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत के साथ आज देश की प्रमुख कंपनियों में से एक है | निरमा ने हाल ही में, दुनियां की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी लाफार्ज के भारत के कारोबार को 9400 करोड रुपये में खरीदा है |

निरमा का उल्लेख यहाँ करने के दो कारण है एक तो वाशिंग पाउडर, अपने अगरबत्ती की तरह का FMCG प्रोडक्ट है, दूसरा निरमा ने हिन्दुस्तान यूनीलीवर जैसी दमदार कंपनी को टक्कर देते हुए देश में अपनी जगह बनाई थी |

करसन भाई जो कि मूलतः गुजरात के रहने वाले हैं, ने अपने घर से ही निरमा डिटर्जेंट पाउडर का निर्माण शुरू किया था और खुद ही साइकिल से घूम-घूम कर पाउडर बेचते थे। उन्होंने इस डिटर्जेंट पाउडर की कीमत मात्र 3-3.5 रुपये प्रति किलो रखी जो उस समय और पाउडरों के मुकाबले बहुत कम थी । हिन्दुस्तान लीवर का डिटर्जेंट पाउडर उस समय लगभग 13 रुपये प्रति किलो था | विदेशी कम्पनी के महंगे पाउडर की तुलना में सस्ता पाउडर लोगों को पसंद आया और देखते ही देखते निरमा पाउडर सफल हो गया और बहुत कम समय में निरमा ब्रांड देश भर में स्थापित हो गया। निरमा के रेडियो और टेलीविज़न पर प्रचार ने इसे देश के घर-घर में पहुंचा दिया और निरमा ने डिटर्जेंट बाज़ार में एक क्रान्ति ला दी | डिटर्जेंट और साबुन के बाज़ार पर हिंदुस्तान लीवर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रभुत्व के बावजूद निरमा शुरू होने के दस साल के अन्दर ही सबसे ज्यादा बिकने वाला डिटर्जेंट पाउडर बन गया था ।

इसके कारणों की तरफ देखने पर पता चलता है कि इसमें जितना योगदान करसन भाई की मेहनत और सूझ-बूझ का है, उतना ही उस समय की बड़ी कंपनियों द्वारा निरमा को नज़रअंदाज़ करना भी है | बड़ी कंपनियों ने निरमा के बढ़ते वजूद के बावजूद भी अपने को बदलने पर ध्यान नहीं दिया और निरमा को एक छोटा उद्यम समझने की गलती की | अन्यथा वो अपना मुनाफा कम करके निरमा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते थे, लेकिनउन कंपनियों ने निरमा को जरूरत से ज्यादा छोटा समझते हुए नकार दिया जिसका नुकसान भी उनको उठाना पड़ा |

मूल बात यह है कि अपने व्यवसाय से जुडी हर छोटी चीज पर हमें नज़र रखनी होगी अगर हमें चुनौतियों से निपटना है, बाज़ार के अनुरूप चलना होगा, बदलना भी होगा |

By-Deepak Goyal, Editor – Incense Media (info@incensemedia.in)